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नारी शक्ति बंधन अधिनियम (Nari Shakti vandan adhiniyam 2026)

नारी शक्ति बंधन अधिनियम (Nari Shakti vandan adhiniyam 2026)

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पेश किया। मंगलवार गणेश चतुर्थी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन में पहला सत्र आयोजित किया और पहले ही सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2026 की बात कही।

क्या है नारी शक्ति वंदन अधिनियम

भारत के नई संसद भवन के पहले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति बंधन अधिनियम 2026 का बिल पेश किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2026 महिला आरक्षण की बात पर जोर डालती है। इस अधिनियम के तहत महिलाओं को भारत की राजनीति के क्षेत्र में एक तिहाई आरक्षण का मौका मिलने वाला है।

जैसे ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास होगा उसके बाद भारत की संसद में और विधानसभाओं में भारतीय महिलाओं को 1/3 सीटों पर रिजर्वेशन मिलेगा जिस पर सिर्फ महिला ही प्रत्याशी खड़ी हो सकती है और चुनाव लड़ सकती है।

नारी शक्ति बंधन अधिनियम पास होने के बाद महिलाओं का भारतीय राजनीति में स्तर बढ़ेगा सांसद एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिला आरक्षण के बाद महिलाओं का स्तर बढ़ेगा और महिला प्रत्याशी राजनीति के गलियारी में नए कदम रखेंगे।

महिला आरक्षण क्या है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन की पहले दिन नारी शक्ति वंदन अधिनियम की बात कही जिसमें महिलाओं को आरक्षण मिलेगा एक तिहाई सीटों पर जिसमें राज्यों की विधानसभा और सांसद शामिल है।

एससी एसटी महिला आरक्षण

एससी एसटी महिला आरक्षण की बात भी इस नए अधिनियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा की है जैसे ही नारी शक्ति बंधन अधिनियम पास होता है तो नई जनगणना के बाद एससी एसटी महिलाओं लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई एससी एसटी महिला आरक्षण मिलेगा। जिस पर सिर्फ एससी एसटी कास्ट की महिला ही चुनाव में उसे सीट पर खड़ी हो सकती है और चुनाव लड़ सकती हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम का विरोध

जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम की बात नई संसद भवन में की उसके बाद भारत के कई लोग इस अधिनियम से नाराज हो गए इस अधिनियम में ओबीसी कास्ट के रिजर्वेशन की कोई बात नहीं हुई इसलिए ओबीसी कास्ट के लोग इस अधिनियम से नाराज है

नारी शक्ति बंधन अधिनियम कब लागू होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण को लागू करने के लिए इस अधिनियम को नई संसद भवन में पेश किया और इसे लागू करने की बात भी कहीं जैसे ही नई जनगणना पूरी होती और नया परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण को लागू कर दिया जाएगा।

महिला आरक्षण कब तक लागू होगा

2024 के लोकसभा इलेक्शन के बाद जैसे ही नई जनगणना पूरी हो जाएगी जिसमें लगभग 2 साल का वक्त लग सकता और नए सिरे से परिसीमन होने के बाद एक तिहाई महीना आरक्षण को लागू कर दिया जाएगा जिसे लागू होने के बाद 15 साल तक महिला आरक्षण विभिन्न महिलाओं को मिलने लगेगा।

महिला आरक्षण 15 साल तक आरक्षित महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए मिलेगा उसके बाद नए सिरे से महिला आरक्षण की विभिन्न सीटों को रोशन बेसिस पर फिर से महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा

महिला आरक्षित सीट  तय होगी

महिला आरक्षित सीट 2026 के परिसीमन में तय होगी जिससे यह पता चलेगा कि कौन सी सिम महिलाओं के लिए आरक्षित है और कौन सी नहीं इस हिसाब से महिला आरक्षित सिम बदलती रहेंगी हर 15 साल के बाद